आप सभी को मेरी ओर से हिंदी दिवस की शुभकामनाएं। यह मेरा हिंदी भाषा मे पहला पोस्ट है इसलिए मेरी त्रुटियों को नजरअंदाज कीजिएगा। मेरी परवरिश मध्यप्रदेश मे हुई है तो बोल चाल मे तो हिंदी का उपयोग मैं बचपन से करती आ रही हूँ परन्तु अंग्रेज़ी माध्यम से पढाई होने की वजह से लिखने का उतना अभ्यास नहीं है।
अभी कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री जी ने नई शिक्षा नीति की घोषणा की थी जिसके अनुसार माता पिता अपने बच्चों को प्राथमिक शिक्षा अपनी मातृभाषा मे दिलवा सकते है। यह एक बहुत अच्छा कदम है क्योंकि हम अपनी मातृभाषा भूलते जा रहे हैं । इसके कारण हमारा अपनी संस्कृति और साहित्य से भी विश्वास कम हो रहा है।
मैंने जब अपनी पहली नौकरी के लिए साक्षात्कार (interview) दिया था तब मेरी अंग्रेज़ी ज्ञान को ही प्राथमिकता दी गई थी। अब हमारे देश मे आई क्यू (IQ) इंग्लिश के ज्ञान से ही नापा जाता हैं। ऐसे मे सही प्रतिभा के आगे आना मुश्किल हो जाता है।
अंत मे मैं यही कहना चाहूंगी की हमारी भाषा को बढावा देना हमारा कर्तव्य हैं। अगर हम ही अपनी भाषा का तिरस्कार करेंगे तो वह लुप्त हो जाएगी और हमारे पास अपना कुछ नहीं रह जाएगा हम सिर्फ दुसरो कि परछाई बनकर रह जाएंगे।
बिल्कुल ठीक कहा वर्तिका जी आपने । बालको को यथासंभव आरम्भिक शिक्षा उसकी मातृभाषा में ही मिलनी चाहिए ।
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धन्यवाद जितेंद्र जी 😊
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बेहतरीन कोशिश वर्तिका 👍🏻
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Thankyou
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हिंदी के प्रति जो आपकी भावना है वह पढ़कर बहुत ही अच्छा लगा। उम्मीद है मुझे आगे भी आपको हिंदी में पढ़ने मिलेगा🙏😊
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बहुत धन्यवाद। मेरी कोशिश रहेगी कि मैं आगे भी हिंदी मे पोस्ट लिखूँ।
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